भारतीय राष्ट्रीय वाङ्मय संगीति (Indian National Literature Conference-INLC) सामाजिक परिवर्तन के आंदोलन में साहित्यिक भागीदारी का एक सशक्त प्रयास है। यह भारत की अधिकांश भाषाओं में लिखें जा रहे बहुजन साहित्य के विभिन्न पक्षों जैसे दलित साहित्य, आदिवासी साहित्य और पिछड़ा वर्ग साहित्य का संयुक्त सम्मेलन है।
बहुजन साहित्य के तीनों पक्षों का दर्शन और नायक एक ही हैं, इस आधार-भूमि पर विचार की सत्ता को सुस्पष्टता प्रदान करने के लिए यह संगीति कार्य करती है। इस संगीति का उद्देश्य संवाद के माध्यम से संघर्ष करना है तथा आम नागरिकों को संवैधानिक क्रांति के संघर्ष के लिए तैयार करना है। यह संगीति समाज में संविधान की उद्देशिका में दिये उद्देश्यों को लागू करवाने वाली सशक्त आवाज को निर्मित करती है